आर्यसमाज भोपाल में विवाह हेतु आवश्यक दस्तावेज एवं जानकारी
Marriage in Arya Samaj Mandir Bhopal- 8989738486
आर्यसमाज में सम्पन्न होने वाले विवाह "आर्य विवाह मान्यता अधिनियम-1937, अधिनियम क्रमांक 1937 का 19' के अन्तर्गत कानूनी मान्यता प्राप्त हैं। अखिल भारत आर्य समाज ट्रस्ट द्वारा वैवाहिक जोड़ों की कानूनी सुरक्षा (Legal Sefety) एवं पुलिस संरक्षण (Police Protection) हेतु नियमित मार्गदर्शन (Legal Advice) दिया जाता है।
About Arya Samaj
Marriage in Arya Samaj Mandir Bhopal- 8989738486
Arya Samaj was established to get rid of social evils of Hindu society, it was founded by Swami Dayanand Saraswati in the year 1875, orthodoxy and social evils such as un-touchability etc., from society. It is non-denominational authentic Hindu-Vedic religious organization dedicated to remove superstition established to propagate true pristine knowledge enshrined in Vedas.
राष्ट्र की रक्षा
प्रत्येक राष्ट्र में ब्रम्ह और क्षत्र दोनों का होना आवश्यक है। कोई भी राष्ट्र ज्ञान-विज्ञान के शिक्षक, आस्तिकता और सच्चरित्रता के प्रचारक, धर्म के उद्धारक ब्राम्हणों से धृत तथा राष्ट्र की रक्षा करने वाले एवं अवसर आने पर राष्ट्र-हितार्थ अपना बलिदान तक कर देनेवाले वीर क्षत्रियों से रक्षित होता है। इन दोनों में से एक के भी अभाव में राष्ट्र का शरीर खड़ा रह सकना कठिन है। बड़े-बड़े बली ऊपर सैन्य-शक्ति में अग्रणी राष्ट्र ब्रम्ह-बल के अभाव के कारण अपने शक्ति-प्रदर्शन की धुन में दूसरे राष्ट्रों के साथ युद्ध करके नष्ट-भ्रष्ट हो गये। इसके विपरीत एक शांति प्रिय और अज्ञान-विज्ञान के उपासक-राष्ट्र आत्म-रक्षा के साधन पास न होने से दूसरे राष्ट्रों द्वारा कवलित कर लिये गये।
महर्षि दयानन्द को अधिष्ठात्री देवों की सत्ता स्वीकार्य न थी। उनके द्वारा तत्कालीन यज्ञ परम्परा का घोर विरोध किया गया। अपने वेदभाष्य व सत्यार्थप्रकाश में उन्होंने देवतावाची पदों का सही अर्थ प्रस्तुत किया। सत्यार्थप्रकाश सप्तम समुल्लास में देवता की परिभाषा देते हुए महर्षि कहते हैं- देवता दिव्यगुणों...