माताओं की माता
प्रकृति हमारी माताओं की भी माता है। वह तो हमारे प्राणों को देने वाली है। जो साँस हम लेते हैं, वह उसी की देन है। हमारे शरीर के निर्माण में लगने वाले पंचतत्व भी उसी के हैं। जीवन के क्रिया-व्यापार को संचालित करने वाले समस्त तत्व एक उसी से प्राप्त होते हैं। प्रकृति के बिना हम जीवन की कल्पना तक नहीं कर सकते। प्रकृति न केवल हमारा पोषण एवं संरक्षण करती है, बल्कि हमारे मन एवं भाव को संतृप्त करने के लिए अनेक दृश्य-श्रव्य चलचित्रों की व्यवस्था भी करती है।
Nature is also the mother of our mothers. She is the giver of our lives. The breath we take is due to him. The five elements involved in the construction of our body also belong to him. All the elements that govern the business of life are derived from the same one. We cannot even imagine life without nature. Nature not only nurtures and protects us, but also arranges many audio-visual movies to saturate our mind and spirit.
Mothers of Mother | Arya Samaj Bhopal Helpline, 8989738486 | Arya Samaj Mandir Bhopal | Arya Samaj Wedding Rituals Bhopal | Legal Marriage Helpline Bhopal | Procedure of Arya Samaj Wedding Bairagarh Bhopal | Legal Marriage Bhopal | Pandits for Pooja Bhopal | Arya Samaj Marriage Rules Bhopal | Arya Samaj Wedding Ceremony Bhopal | Legal Marriage Help Bhopal | Procedure of Arya Samaj Marriage Bhopal | Arya Samaj Mandir Helpline Bhopal | Arya Samaj Online Bhopal | Arya Samaj Marriage Registration Bhopal | Arya Samaj Vivah Vidhi Bhopal | Inter Caste Marriage Promotion for Prevent of Untouchability Bhopal | Pandits for Marriage Bhopal | Arya Samaj Bhopal | Legal Wedding Bhopal | Arya Samaj Marriage Rituals Bhopal | Arya Samaj Wedding Bhopal
महर्षि दयानन्द को अधिष्ठात्री देवों की सत्ता स्वीकार्य न थी। उनके द्वारा तत्कालीन यज्ञ परम्परा का घोर विरोध किया गया। अपने वेदभाष्य व सत्यार्थप्रकाश में उन्होंने देवतावाची पदों का सही अर्थ प्रस्तुत किया। सत्यार्थप्रकाश सप्तम समुल्लास में देवता की परिभाषा देते हुए महर्षि कहते हैं- देवता दिव्यगुणों...