मॉर्निंग वॉक
स्वस्थ वृद्धावस्था के लिए सूत्र - प्रातः पैदल चलना (मॉर्निंग वॉक) बेहद सरल, मनः प्रसादक और स्वास्थ्यप्रद है। सुबह पैदल चलेंगे तो स्नायुतंत्र, अस्थितंत्र तथा फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ेगी मन भी प्रसन्न रहेगा। पाजिटिव विचारों की श्रृंखला का आगमन प्रातः वेला में होने लगेगा, जिससे मानसिक शक्ति भी बढ़ेगी। योगासन-प्राणायाम - 45 वर्ष की आयु से ही सरल योगासनों का अभ्यास जैसे - भुजंगासन, शलभासन, धनुरासन, गोमुखासन, व्रजरासन, योगमुद्रा, पवन मुक्तासन आदि का नित्य अभ्यास करें। प्राणायाम में अनुलोम-विलोम तथा धीमी गति से कपालभाति, भस्त्रिका 2-2 मिनट करें। भ्रामरी प्राणायाम, ओंकार प्राणायाम 5-5 बार करें। शाम के समय भी हो तो इस अभ्यास क्रम को दोहराएँ।
Formula for Healthy Aging - Morning walk is very simple, mind-pleasing and healthy. If you walk in the morning, the function of the nervous system, bone system and lungs will increase, the mind will also be happy. The chain of positive thoughts will start coming in the morning, due to which mental power will also increase. Yogasana-Pranayama - From the age of 45, practice simple yogasanas like Bhujangasana, Shalabhasan, Dhanurasana, Gomukhasana, Vajrasana, Yogamudra, Pawan Muktasana etc. In Pranayama, do anulom-vilom and slow Kapalbhati, Bhastrika for 2-2 minutes. Do Bhramari Pranayama, Omkar Pranayama 5-5 times. If it is in the evening also, repeat this exercise sequence.
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महर्षि दयानन्द को अधिष्ठात्री देवों की सत्ता स्वीकार्य न थी। उनके द्वारा तत्कालीन यज्ञ परम्परा का घोर विरोध किया गया। अपने वेदभाष्य व सत्यार्थप्रकाश में उन्होंने देवतावाची पदों का सही अर्थ प्रस्तुत किया। सत्यार्थप्रकाश सप्तम समुल्लास में देवता की परिभाषा देते हुए महर्षि कहते हैं- देवता दिव्यगुणों...