जीवनशैली
शरीर से अधिक व्यक्ति मानसिक तनाव, दबाव एवं खिंचाव के कारण थक जाता है, जिसका स्नायविक संस्थान से लेकर शरीर एवं मन पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इसके कारण व्यक्ति की एकाग्रता, स्मरणशक्ति एवं कार्य में रूचि कुंद पड़ जाती है और जीवन की यात्रा एक बोझिल सफर बन जाती है। मन को विश्रांत करने वाली जीवनशैली के नियमों का अनुसरण आवश्यक हो जाता है। यहाँ दैनिक जीवन में मानसिक विश्राम के कुछ उपयोगी सूत्रों की चर्चा की जा रही है। धीरे-धीरे गहरा श्वास लें, इसका अभ्यास मन को शांत करने में प्रभावी रहता है। इसके साथ शीतकारी, शीतली जैसे प्रशांतक प्राणायामों का अभ्यास किया जा सकता है। किसी योग्य योगशिक्षक की देख-रेख में इन्हें सीखा जा सकता है।
More than the body, a person gets tired due to mental stress, pressure and strain, which has a bad effect on the nervous system to the body and mind. Due to this the person's concentration, memory and interest in work become dull and the journey of life becomes a cumbersome journey. It becomes necessary to follow the rules of a lifestyle that relaxes the mind. Here some useful sources of mental relaxation are being discussed in daily life. Take deep breaths slowly, its practice is effective in calming the mind. Along with this, Pranayama Pranayama like Sheetkari, Sheetali can be practiced. These can be learned under the supervision of a qualified yoga teacher.
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महर्षि दयानन्द को अधिष्ठात्री देवों की सत्ता स्वीकार्य न थी। उनके द्वारा तत्कालीन यज्ञ परम्परा का घोर विरोध किया गया। अपने वेदभाष्य व सत्यार्थप्रकाश में उन्होंने देवतावाची पदों का सही अर्थ प्रस्तुत किया। सत्यार्थप्रकाश सप्तम समुल्लास में देवता की परिभाषा देते हुए महर्षि कहते हैं- देवता दिव्यगुणों...